महाशक्ति पीठ ”माँ विंध्यवासिनी धाम ”में त्रिकोण परिक्रमा के अंतर्गत अवस्थित “महाशक्ति माँ काली ”
राक्षस रक्तबीज के संहार करते समय माँ काली विकराल रूप धारण कर ली थी ,
राक्षस रक्तबीज के संहार करते समय माँ काली विकराल रूप धारण कर ली थी ,
उनको शांत करने हेतु शिव जी युद्ध भूमि में उनके सामने लेट गये , जब माँ काली का चरण शिव जी पर पड़ा , तो लज्जावश पहाडियों के खोह में छुप गयी ,इस वजह से ये स्थान काली खोह के नाम से प्रसिद्ध हुवा !
पहाड़ों के बीच बसा माँ महाकाली (कलि खोह)
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