इस प्राकृतिक जलप्रपात का नाम सिद्धनाथ बाबा के नाम पर पड़ा जो यहाँ साधना किया करते थे। यह स्थल स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। यहाँ से गिरते झरने कल कल करके आती मधुर ध्वनि मानो कुछ बोल रही हो यहाँ का नज़ारा सावन माह में देखते ही बनता है, हर तरफ हरियाली, पानी की धारा और सैलानियों का आवागमन मानो स्वर्ग बना देती है इस स्थल को इसके अलावा लोग पुराने शैल चित्रों एवं नक्काशियों का अध्ययन करने के लिए भी यहाँ आते हैं। यह प्राचीन शिला स्थल एवं झरना पुरातत्व काल से अस्तित्व में है। इस जलप्रपात के पास बाबा सिद्धनाथ की दरी, समाधि स्थित है।https://mirzapurdarshan.wordpress.com
Tuesday, 7 June 2016
Author: Unknown
Etiam at libero iaculis, mollis justo non, blandit augue. Vestibulum sit amet sodales est, a lacinia ex. Suspendisse vel enim sagittis, volutpat sem eget, condimentum sem.
RELATED STORIES
पेहती की दरी यह वाटर फाल जो की मीरजापुर से 47 किमी की दूरी
बोकरिया दरी बोकरिया दरी जो अपनाप में एक लालग स्थान रखती है
सक्तेश गढ़ दुर्ग सक्तेश गढ़ चुनार तहसील में ही चुनार से लग
कुशियरा फाल कुशियरा फाल जो प्राक्रतिक दृष्टि से समृद्ध है
जरगो बांध – चुनार जरगो बांध जो चुनार से लगभग 18 किलोमीटर की दुरी
0 comments:
Post a Comment