Tuesday, 7 June 2016

सिद्धनाथ दरी

इस प्राकृतिक जलप्रपात का नाम सिद्धनाथ बाबा के नाम पर पड़ा जो यहाँ साधना किया करते थे। यह स्थल स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। यहाँ से गिरते झरने कल कल करके आती मधुर ध्वनि मानो  कुछ बोल रही हो यहाँ का नज़ारा सावन माह में देखते ही बनता है, हर तरफ हरियाली, पानी की धारा और सैलानियों का आवागमन मानो स्वर्ग बना देती है इस स्थल को   इसके अलावा लोग पुराने शैल चित्रों एवं नक्काशियों का अध्ययन करने के लिए भी यहाँ आते हैं। यह प्राचीन शिला स्थल एवं झरना पुरातत्व काल से अस्तित्व में है। इस जलप्रपात के पास बाबा सिद्धनाथ की दरी, समाधि स्थित है।https://mirzapurdarshan.wordpress.com

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